मधुमेह(sugar) में रामबाण हैं ये सब्जिया(sugar me ramban hai ye sabjiyan)-
मधुमेह रोग ऐसा भयंकर रोग हैं जिसमे कुछ भी खाना पीना हो तो बहुत सोचना पड़ता हैं के क्या खाए क्या ना खाए। ऐसे में कुछ ऐसी सब्जिया हैं जिनका सेवन मधुमेह के लिहाज से सही तो हैं ही बल्कि इसके सेवन से मधुमेह रोग को कंट्रोल करने में बहुत मदद मिलती हैं। अपने नित्य भोजन में ज़रूर शामिल करे।
आइये जाने इन सब्जियों के बारे में जो मधुमेह का दमन करती हैं।
@ टमाटर (Tomato)-
मधुमेह में टमाटर बहुत लाभदायक हैं। टमाटर की खटाई शरीर में शर्करा की मात्रा घटाती हैं। मूत्र में शक्कर जाना धीरे धीरे कम हो जाती हैं।
प्रतिदिन खीरे की सलाद बनाकर खाने और 100 ग्राम खीरे का रस सुबह शाम पीने से बहुत लाभ होता हैं।
@ लौकी (Gourd)-
मधुमेह में लौकी बहुत लाभ करती हैं। सब्जी, सलाद के रूप में कच्ची लौकी खा सकते हैं। सुबह खाली पेट लौकी का रस पीना मधुमेह में बहुत लाभदायक हैं। लौकी के रस में थोड़ा सेंधा नमक मिला कर पिए।
@ करेला (Bitter gourd)-
करेला अग्नाशय को उत्तेजित कर इन्सुलिन के स्त्राव को बढ़ाता हैं। करेले में इन्सुलिन प्रयाप्त मात्रा में होती हैं। यह इन्सुलिन मूत्र एवं रक्त दोनों ही की शर्करा को नियंत्रित रखने में समर्थ हैं। मधुमेह में करेले का जूस सब्जी और इसका चूर्ण बेहद फायदेमंद हैं।
इसके जूस और चूर्ण बनाने की विधि आप हमारी इस पोस्ट से यहाँ क्लिक कर के पढ़ सकते हैं।
इसके जूस और चूर्ण बनाने की विधि आप हमारी इस पोस्ट से यहाँ क्लिक कर के पढ़ सकते हैं।
@ सेम( Bean)-
सेम में इन्सुलिन पाया जाता हैं। और इसमें रेशा अर्थात फाइबर भी अधिक होता हैं। जो मधुमेह की चिकित्सा में बहुत लाभदायक हैं। मधुमेह के रोगी को सेम की सब्जी और कच्ची सेम का रस एक-एक कप नित्य दो बार पीना चाहिए।
@ शलगम (turnip)-
शलगम की सब्जी भी मधुमेह में बहुत लाभदायक हैं। इसको भी मधुमेह के रोगी को ज़्यादातर अपने भोजन में जगह देनी चाहिए।
@ कद्दू (Pumpkin)-
कद्दू में विटामिन सी, आयरन और असंतृप्त वसा, एंटीऑक्सीडेंट, फॉलिक एसिड भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं, कद्दू का सेवन करने से मधुमेह के रोगियों को बहुत फायदा होता हैं और इस रोग की रोकथाम करने में बहुत मदद मिलती हैं।
जब किसी व्यक्ति को मधुमेह की बीमारी होती है। इसका मतलब है वह व्यक्ति दिन भर में जितनी भी मीठी चीजें खाता है (चीनी, मिठाई, शक्कर, गुड़ आदि) वह ठीक प्रकार से नहीं पचती अर्थात उस व्यक्ति का अग्नाशय उचित मात्रा में उन चीजों से इन्सुलिन नहीं बना पाता इसलिये वह चीनी तत्व मूत्र के साथ सीधा निकलता है। इसे पेशाब में शुगर आना भी कहते हैं। जिन लोगों को अधिक चिंता, मोह, लालच, तनाव रहते हैं, उन लोगों को मधुमेह की बीमारी अधिक होती है।
मधुमेह रोग में शुरू में तो भूख बहुत लगती है। लेकिन धीरे-धीरे भूख कम हो जाती है। शरीर सुखने लगता है, कब्ज की शिकायत रहने लगती है। अधिक पेशाब आना और पेशाब में चीनी आना शुरू हो जाती है और रेागी का वजन कम होता जाता है। शरीर में कहीं भी जख्म/घाव होने पर वह जल्दी नहीं भरता।
@ मधुमेह (sugar)की आयुर्वेदिक औषधि-
आयुर्वेद की एक दावा है जो आप घर मे भी बना सकते है –
@ औषधि के घटक-
1. 100 ग्राम मेथी का दाना
2. 100 ग्राम तेजपत्ता
3. 150 ग्राम जामुन की बीज
4. 250 ग्राम बेल के पत्ते
@ औषधि बनाने की विधि-
इन सबको धुप मे सुखा कर पत्थर मे पिस कर पाउडर बना कर आपस मे मिला ले, यही औषधि है ।
@ औषधि की सेवन विधि-
सुबह नास्ता करने से एक घंटे पहले एक चम्मच गरम पानी के साथ ले फिर शाम को खाना खाने से एक घंटे पहले ले । तो सुबह शाम एक एक चम्मच पाउडर खाना खाने से पहले गरम पानी के साथ आपको लेना है ।
सुबह नास्ता करने से एक घंटे पहले एक चम्मच गरम पानी के साथ ले फिर शाम को खाना खाने से एक घंटे पहले ले । तो सुबह शाम एक एक चम्मच पाउडर खाना खाने से पहले गरम पानी के साथ आपको लेना है ।
45-60 दिन अगर आप ये दावा ले लिया तो आपकी डाईबेटिस बिलकुल ठीक हो जाएगी ।
@ शुगर रोगियों के लिए रामबाण हैं ये 4 कार्य, जरूर पढ़े!!
अगर आप सुबह उठ कर ये चार कार्य अपनी दिनचर्या में शामिल कर लेंगे तो आपकी मधुमेह की बीमारी जितनी भी पुरानी क्यों ना हो, कुछ ही दिनों में सही हो जाएगी। ये कार्य दोनों प्रकार की शुगर में लाभदायक हैं। इन कार्यो को करेंगे तो निश्चित ही आपकी मधुमेह की बीमारी जड़ से ख़त्म हो सकती हैं। और आपकी जो दवाये अपना प्रभाव नहीं दिखा रही थी वो भी अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देंगी। आइये जाने इनको।
1. आयल पुलिंग-
सुबह उठ कर सब से पहले बिना ब्रश किये 10 मि ली तेल(सरसों, नारियल, तिल, मूंगफली) कोई भी मुंह में ले कर 15 मिनट तक इसको चबाते रहे। ध्यान रहे इसको निगलना नहीं। इसके बाद में इसको थूक दीजिये।
2. गिलोय की दातुन-
इसके बाद आप गिलोय की दातुन कीजिये, और इसको चबाने पर जो रस निकले उसको अंदर ही निगल लीजिये। अगर किसी कारण आपको गिलोय की दातुन ना मिले तो आप नीम या बबूल की दातुन कर सकते हैं। गिलोय और नीम का रस मधुमेह में अपने आप में रामबाण औषिधि हैं।
3. सुबह की सैर-
सुबह उठ कर पार्क वगैरह पर घूमने जाइए, जितना गति से आसानी से दौड़ लगा सकते हैं दौड़ ज़रूर लगाये। थोड़ी देर कंकर पत्थर वाली जगह पर नंगे पाँव ज़रूर चले। इस से एक्युपंचर होगा, जो मधुमेह के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद हैं।
4. योगा-
हर रोज़ 15 मिनट कम से कम योग ज़रूर करे, इसमें भी विशेष 5 मिनट मंडूकासन ज़रूर करे। और कपाल भाति, अनुलोम विलोम जैसे प्राणायाम भी ज़रूर करे। मंडूकासन से पैंक्रियास इन्सुलिन का स्त्राव करना शुरू कर देता हैं जिस से शरीर में फैली ग्लूकोस शरीर के सेल्स ग्रहण कर लेते हैं। और शरीर में शुगर का स्तर कंट्रोल होता हैं।
@ मधुमेह के रोगियों के लिए सरल घरेलु नुस्खा |
वैसे तो शूगर के सैकडों अनुभूत नुस्खें है लेकिन आज ऐसा नुस्खा जो कि अनुभूत है, सैकडो़ रोगियो पर आजमाया है| इस योग की खासीयत यह है कि यह नये और पुराने रोगियो को 2-3 महीने प्रयोग करने से सदा के लिए शूगर से मुक्ति दिला सकता है| और अगर भविष्य में फिर कभी भी दिक्कत आये तो फिर दोबारा इस प्रयोग को कर सकते हैं. सही होने पर अपने अनुभव ज़रूर शेयर करें.
इस फारमूले को बनाने की सावधानी यही है कि सारी दवा ताजा ही लेनी है ,
@ नुस्खा बनाने के लिए घटक-
१) नीम पत्र
२) जामुन पत्र
३) अमरूद पत्र
४) बेल पत्र
५) आम पत्र
६) गुडमार बूटी ( यह पंसारी से लें, ओर पाउडर बनाकर ही डालें)
२) जामुन पत्र
३) अमरूद पत्र
४) बेल पत्र
५) आम पत्र
६) गुडमार बूटी ( यह पंसारी से लें, ओर पाउडर बनाकर ही डालें)
@ नुस्खा बनाने की विधि -
सबको सामान भाग लेकर धोकर , कूटकर चटनी जैसा,किसी साफ बर्तन मे डालकर, 16 गुना जल (अर्थात अगर उपरोक्त सामन 100 ग्राम है तो पानी 1600 ग्राम) डालकर धीमी आँच पर रख दें, जब पानी चोथा हिस्सा (अर्थात 400 ग्राम) रह जाए तब उतारकर, ठंडा होने पर, मल छानकर (अर्थात हाथों से अच्छे से घोट कर फिर छान लें) थोड़ी देर के लिए रख दीजिये, जब पानी निथर जाए तो निथारकर रख ले, दवा तैयार है |
सबको सामान भाग लेकर धोकर , कूटकर चटनी जैसा,किसी साफ बर्तन मे डालकर, 16 गुना जल (अर्थात अगर उपरोक्त सामन 100 ग्राम है तो पानी 1600 ग्राम) डालकर धीमी आँच पर रख दें, जब पानी चोथा हिस्सा (अर्थात 400 ग्राम) रह जाए तब उतारकर, ठंडा होने पर, मल छानकर (अर्थात हाथों से अच्छे से घोट कर फिर छान लें) थोड़ी देर के लिए रख दीजिये, जब पानी निथर जाए तो निथारकर रख ले, दवा तैयार है |
@ सेवन विधि -
सुबह खाली पेट 20-50 ml तक लें| इसके बाद आधे घंटे तक कुछ भी खाए पियें नहीं.
सुबह खाली पेट 20-50 ml तक लें| इसके बाद आधे घंटे तक कुछ भी खाए पियें नहीं.
परहेज- चीनी , चाय, काफी , आलू , मेदा, डालडा घी बिल्कुल बंद कर दें|
सेक्स पावर बढाने की अयुर्वेदिक प्रभावशाली ओशधिया -
@ मदन प्रकाश चुरन
@ नरसिह्न चुरन
@ सुखदर्शन वटी
@ वीर्य स्तम्भन वटी
@ कौचापाक
@ चवनप्राशवलेह
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ये ओशधिया कामोत्तेजना बढाने मे बहुत ही लाभदायक है !
Not-
किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।
त्वचा संबंधी समस्या ,बालो की समस्या,कील मुहासे,मोटापा, अन्य बिमारियों के लिये आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खो
सेक्स संबंधित समस्या,लिंग का ढीलापन,शीघ्रपतन,शूक्रानु क्षिनता आदि समस्याओ की जानकारी और उनकी अयुर्वेदिक ओशधि की जानकारी के लिये यहा क्लिक करें -
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