सावन के मौसम में ध्यान रखने योग्य बाते (sawan ke mosam me dhyan rakhne yogya baate)-
सावन का महत्व हिन्दू धर्म मे बहुत ही अधिक है। सावन में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा की जाती है । सावन धर्म के अनुसार तो महत्वपूर्ण है ही इस मौसम में प्राकृतिक सौंदर्य भी अद्भुद होता है । चारो ओर हरियाली होती है। बारिश से नदियां पानी से लबालब हो जाती है।
लेकिन सावन के महीने में स्वास्थ्य सबंधी कुछ बातों का धयान रखना आवश्यक है क्यों कि इस मौसम में बीमारिया अधिक फैलती है ।
लेकिन सावन के महीने में स्वास्थ्य सबंधी कुछ बातों का धयान रखना आवश्यक है क्यों कि इस मौसम में बीमारिया अधिक फैलती है ।
1. हरी सब्जियों से दूर रहें:-
सावन के महीने में हरी सब्जियों का सेवन वर्जित माना गया है। इसका धार्मिक कारण तो यह है कि हमारे धर्म शास्त्रों में मान्यता है कि सावन में हरी सब्जी का त्याग कर देने से व नियम से उपवास यानी सावन स्नान करने से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है, लेकिन इस मान्यता के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। दरअसल, आयुर्वेद के अनुसार बारिश में हरी सब्जियों में बीमारी फैलाने वाले कीटाणु बहुत अधिक होते हैं। जिससे पेट व त्वचा से संबंधित बीमारियां ज्यादा होती हैं। इस मौसम में बॉडी की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है। इसीलिए सावन में हरी सब्जियां नहीं खाना चाहिए।
सावन के महीने में हरी सब्जियों का सेवन वर्जित माना गया है। इसका धार्मिक कारण तो यह है कि हमारे धर्म शास्त्रों में मान्यता है कि सावन में हरी सब्जी का त्याग कर देने से व नियम से उपवास यानी सावन स्नान करने से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है, लेकिन इस मान्यता के पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। दरअसल, आयुर्वेद के अनुसार बारिश में हरी सब्जियों में बीमारी फैलाने वाले कीटाणु बहुत अधिक होते हैं। जिससे पेट व त्वचा से संबंधित बीमारियां ज्यादा होती हैं। इस मौसम में बॉडी की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है। इसीलिए सावन में हरी सब्जियां नहीं खाना चाहिए।
2. सावन के महीने में नहीं पीना चाहिए दूध:-
आयुर्वेद के नजरिए से देखा जाए तो इस मौसम में जठराग्रि कमजोर रहती है, वात प्रकुपित रहता है, इस कारण सावन के महीने में दूध पीने से स्वास्थ्य लाभ कम हानि ज़्यादा होती है, इस महीने कीट-पतंगों के अधिक होने के कारण हरे चारे में जहरीला तत्व आ जाता है, जानवर इसे खाते हैं और इसका दुष्प्रभाव दूध पर भी पड़ता है।
इस समय में दूध के सेवन से वात बढ़ता है, जिसके कारण बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए सावन में दूध नहीं पीना चाहिए।
आयुर्वेद के नजरिए से देखा जाए तो इस मौसम में जठराग्रि कमजोर रहती है, वात प्रकुपित रहता है, इस कारण सावन के महीने में दूध पीने से स्वास्थ्य लाभ कम हानि ज़्यादा होती है, इस महीने कीट-पतंगों के अधिक होने के कारण हरे चारे में जहरीला तत्व आ जाता है, जानवर इसे खाते हैं और इसका दुष्प्रभाव दूध पर भी पड़ता है।
इस समय में दूध के सेवन से वात बढ़ता है, जिसके कारण बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए सावन में दूध नहीं पीना चाहिए।
3. बैंगन से करें तौबा-
सावन में महीने में बैंगन भी नहीं खाना चाहिए। इसका धार्मिक कारण यह है कि बैंगन को शास्त्रों में अशुद्घ कहा गया है। यही वजह है कि कार्तिक महीने में भी कार्तिक मास का व्रत रखने वाले व्यक्ति बैंगन नहीं खाते हैं। वैज्ञानिक कारण यह है कि सावन में बैंगन में कीड़े अधिक लगते हैं। ऐसे में बैंगन का स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए सावन में बैंगन खाने की मनाही है।
सावन में महीने में बैंगन भी नहीं खाना चाहिए। इसका धार्मिक कारण यह है कि बैंगन को शास्त्रों में अशुद्घ कहा गया है। यही वजह है कि कार्तिक महीने में भी कार्तिक मास का व्रत रखने वाले व्यक्ति बैंगन नहीं खाते हैं। वैज्ञानिक कारण यह है कि सावन में बैंगन में कीड़े अधिक लगते हैं। ऐसे में बैंगन का स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए सावन में बैंगन खाने की मनाही है।
4. जरूर खाएं ये चीजें:-
आयुर्वेद के अनुसार बारिश में सुपाच्य, ताजा, गर्म और जल्दी पचने वाली चीजें खाना चाहिए। इस मौसम में पुराना गेहूं, चावल, मक्का, सरसों, राई, खीरा, खिचड़ी, दही , मूंग, अरहर की दाल, सब्जियों में लौकी, तुरई, टमाटर। फलों में सेब, केला, अनार, नाशपती, पके जामुन, देशी आम और घी व तेल में बनी नमकीन चीजें खाना चाहिए। इस मौसम में आम और दूध का सेवन विशेष रूप से लाभकारी होता है। इस मौसम में जामुन खाने के भी अनेक फायदे हैं। जामुन खाने से हिमोग्लोबिन बढ़ता है, त्वचा रोग, प्रमेह रोग, आदि दूर रहते हैं। भुट्टो का सेवन भी शरीर के लिए बेहतर होता है।
आयुर्वेद के अनुसार बारिश में सुपाच्य, ताजा, गर्म और जल्दी पचने वाली चीजें खाना चाहिए। इस मौसम में पुराना गेहूं, चावल, मक्का, सरसों, राई, खीरा, खिचड़ी, दही , मूंग, अरहर की दाल, सब्जियों में लौकी, तुरई, टमाटर। फलों में सेब, केला, अनार, नाशपती, पके जामुन, देशी आम और घी व तेल में बनी नमकीन चीजें खाना चाहिए। इस मौसम में आम और दूध का सेवन विशेष रूप से लाभकारी होता है। इस मौसम में जामुन खाने के भी अनेक फायदे हैं। जामुन खाने से हिमोग्लोबिन बढ़ता है, त्वचा रोग, प्रमेह रोग, आदि दूर रहते हैं। भुट्टो का सेवन भी शरीर के लिए बेहतर होता है।
सेक्स पावर बढाने की अयुर्वेदिक प्रभावशाली ओशधिया -
@ मदन प्रकाश चुरन
@ सुखदर्शन वटी
@ नरसिह्न चुरन
@ वीर्य स्तम्भन वटी
@ कौचापाक
@ चवनप्राशवलेह
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ये ओशधिया कामोत्तेजना बढाने मे बहुत ही लाभदायक है !
Not-
किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।
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