त्वचा की कान्ति कैसे बनाएं-(twacha ki kanti kese banayen)?-
आज की भाग दोड़ भरी ज़िंदगी और असन्तुलित खान पान ,प्रदुशण के कारण हम अपने चेहरे की रंगत खोते जा रहे है ! त्वचा मे कालापन,झाईयां,रुखापन,काले घेरे,कील मुहासे,आदि सम्स्यायें लगभग सभी को होना सामान्य हो गया है !
कुछ आसान और घरेलू उपाय अपना कर आप अपने चेहरे की खोई रंगत वापस पा सकते है !
:- तुलसी के पत्तों को पीसकर लुगदी बनाकर मुँह पर लगाने से मुँहासों के दाग धीरे-धीरे दूर हो जाते हैं।
:- राई के तेल में चने का आटा और हल्दी मिलाकर लगाने से त्वचा कान्तियुक्त होती है।
:- मक्खन एवं हल्दी का मिश्रण करके रात्रि को सोते समय मुँह पर लगाने से मुँह कान्तिवान एवं निरोगी होता है।
:- नींबू का रस एवं छाछ समान मात्रा में मिलाकर लगाने से धूप के कारण काला हुआ चेहरा निखर उठता है।
:- चेहरे पर झुर्रियाँ हों तो दो चम्मच ग्लिसरीन में आधा चम्मच गुलाब जल एवं नींबू के रस की बूँदें मिलाकर मुँह पर रात्रि को लगायें। सुबह उठकर ठण्डे पानी से मुँह धो डालें। त्वचा का रंग निखरकर झुर्रियाँ कम हो जायेंगी।
:- एक कप दूध को उबालें। जब दूध गाढ़ा हो जाये तब उसे नीचे उतार लें। उसमें एक नींबू निचोड़ दें तथा हिलाते रहें जिससे दूध व नींबू का रस एकरस हो जाय। फिर ठण्डा होने के लिए रख दें। रात को सोते समय इसे चेहरे पर लगाकर मसलें। चाहें तो एक-डेढ़ घण्टे के अन्दर चेहरा धो सकते हैं या रात भर ऐसे ही रहने दें। सुबह में चेहरा धो लें। इस प्रयोग से मुँहासे ठीक होते हैं। चेहरे की त्वचा कान्तिमय बनती है
सेक्स पावर बढाने की अयुर्वेदिक प्रभावशाली ओशधिया -
@ मदन प्रकाश चुरन
@ सुखदर्शन वटी
@ नरसिह्न चुरन
@ सुखदर्शन वटी
@ वीर्य स्तम्भन वटी
@ कौचापाक
@ चवनप्राशवलेह
@ पुष्पधन्वा योग
ये ओशधिया कामोत्तेजना बढाने मे बहुत ही लाभदायक है !
त्वचा संबंधी समस्या ,बालो की समस्या,कील मुहासे,मोटापा, अन्य बिमारियों के लिये आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खो
सेक्स संबंधित समस्या,लिंग का ढीलापन,शीघ्रपतन,शूक्रानु क्षिनता आदि समस्याओ की जानकारी और उनकी अयुर्वेदिक ओशधि की जानकारी के लिये यहा क्लिक करें
aayurvadvice.blogspot.com
aayurvaidice.blogspot.com
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Not-
किसी भी ओषधि के सेवन से पूर्व किसी वैद या डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। सभी मनुष्य की शारीरिक प्रकृति अलग अलग होती है। और औषधि मनुष्य की प्रकृति के अनुसार दी जाती है यह वेबसाइट किसी को भी बिना सही जानकारी के औषधि सेवन की सलाह नही देती अतः बिना किसी वैद की सलाह के किसी भी दावाई का सेवन ना करें।
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